कहानी में नया मोड़: ‘भाग्यलक्ष्मी’ में तो भई, इमोशन्स का फुल ड्रामा चल रहा है!

कहानी में नया मोड़ 'भाग्यलक्ष्मी' में तो भई, इमोशन्स का फुल ड्रामा चल रहा है!

‘भाग्यलक्ष्मी’ के पिछले कुछ एपिसोड देखकर तो सही में दिमाग घूम गया है! कहानी में ऐसा मोड़ आया है कि क्या बताएं। ऋषि को जब पता चला कि नीलम की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि किसी ने जानबूझकर मारा था, तो बेचारे पर तो जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा। और ये सब बताया किसने? भाग्यलक्ष्मी ने! सोचो, इतने टाइम से वो ये राज़ अपने दिल में दबाए बैठी थी। अब जब उसने ये सच उगला है, तो ऋषि का चौंकना तो बनता ही है। उसे तो कभी सपने में भी नहीं लगा होगा कि उसकी माँ के साथ ऐसा कुछ हुआ होगा।

सिर्फ खुलासा नहीं, भरोसे का चकनाचूर होना है ये!

अब ज़रा ऋषि की हालत सोचो। जिस माँ को उसने हमेशा याद किया, उसकी मौत कोई एक्सीडेंट नहीं, बल्कि पूरी प्लानिंग के साथ की गई हत्या थी। और ये बात उसे भाग्यलक्ष्मी से पता चल रही है। ये सिर्फ एक खबर नहीं है, ये तो उसके भरोसे का सीधे-सीधे खून है, यार! कोई भला प्रॉपर्टी और पावर के लिए अपनी ही माँ को कैसे मार सकता है? ये सोचकर ही ऋषि का दिमाग सुन्न हो गया होगा। उसका हैरान-परेशान होना बिलकुल नॉर्मल है। मेकर्स ने यहाँ ऋषि के किरदार के ज़रिए ये दिखाने की कोशिश की है कि जब किसी अपने से इतना बड़ा धोखा मिलता है तो इंसान अंदर तक हिल जाता है। अब वो कैसे यकीन करे कि जिन लोगों को वो अपना समझता था, उन्हीं के हाथ ऐसे गंदे काम में शामिल हो सकते हैं? ये उसके लिए सिर्फ सच्चाई का सामना करना नहीं है, बल्कि अपनी पूरी ज़िंदगी, अपने सारे रिश्तों को शक की नज़र से देखने जैसा है।

लक्ष्मी का राज़: कहीं ये तूफान में एक और झटका तो नहीं?

और सुनो, बात यहीं खत्म नहीं हुई! नीलम की हत्या के सच के साथ-साथ लक्ष्मी का भी कोई बड़ा राज़ ऋषि के सामने आ गया है। मतलब, एक के बाद एक झटके! ये कोई इत्तफाक तो नहीं लगता। कहानी लिखने वाले ज़रूर कोई बड़ा गेम खेल रहे हैं। अब देखना ये है कि लक्ष्मी का ये राज़ उसे बेकसूर साबित करेगा या और फँसा देगा? क्या इस राज़ से ऋषि और लक्ष्मी का रिश्ता, जो अभी ठीक से बना भी नहीं, और पक्का होगा या फिर हमेशा के लिए टूट जाएगा? अक्सर ऐसे राज़ जब खुलते हैं, तो किरदारों की पुरानी बातें सामने आती हैं, जिससे पता चलता है कि वो आज ऐसे क्यों हैं। देखते हैं लक्ष्मी का अतीत कितना खतरनाक है या कितना सीधा-सादा, और ऋषि इस नई बात को कैसे लेता है, खासकर तब जब वो पहले ही इतने बड़े सदमे में है।

ऋषि के लिए मुश्किल घड़ी: माँ का इंसाफ या परिवार का साथ?

अब ऋषि ऐसी जगह फँस गया है, जहाँ एक तरफ उसकी माँ के लिए इंसाफ की आवाज़ है और दूसरी तरफ परिवार का वो ताना-बाना, जिससे निकलना शायद उसके लिए सबसे कठिन होगा। क्या वो उन ‘अपनों’ के खिलाफ जा पाएगा, जो अब तक अच्छे होने का नाटक कर रहे थे? या फिर दुनियादारी और परिवार की लाज रखने के चक्कर में इस सच्चाई को दबा देगा? ये सिर्फ उसका फैसला नहीं होगा, इससे ये भी पता चलेगा कि शो में सही-गलत के क्या मायने हैं। देखने वाले तो चाहेंगे कि ऋषि इंसाफ के लिए लड़े, पर उसका हर कदम कहानी को एक नई तरफ ले जाएगा।

आगे क्या होगा? सिर्फ कहानी नहीं, हम सबकी नज़रें टिकी हैं!

आने वाले एपिसोड्स में सिर्फ ये नहीं दिखेगा कि कहानी कहाँ जाती है, बल्कि हम जैसे देखने वालों के दिल की धड़कनें भी ऊपर-नीचे होंगी। सब यही चाहेंगे कि नीलम के असली कातिल पकड़े जाएं और उन्हें सज़ा मिले। लेकिन टीवी सीरियल की दुनिया इतनी सीधी कहाँ होती है! लक्ष्मी का राज़ क्या नया बखेड़ा खड़ा करेगा, और क्या ऋषि और लक्ष्मी का रिश्ता इन सब मुश्किलों से बचकर और मज़बूत हो पाएगा या सब खत्म हो जाएगा? शो ने अभी तो सबको बाँधकर रखा है, क्योंकि इसमें सिर्फ कहानी के उतार-चढ़ाव नहीं हैं, बल्कि इंसानी रिश्ते, धोखा और इंसाफ की लड़ाई भी है। सही में, ये देखना मज़ेदार होगा कि लिखने वाले इन सारी उलझनों को कैसे सुलझाते हैं और कहानी को कहाँ ले जाते हैं। उम्मीद तो यही है कि ये सब सिर्फ टीआरपी बढ़ाने का तरीका न हो, बल्कि किरदारों की कहानी में और दम आए।

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